राम राम मित्रों! AI Overview(पहले Search Generative Experience के नाम से जाना जाता था) आपको सीधे सर्च रिजल्ट पेज पर ही जवाब दे देता है, बिना आपके किसी वेबसाइट पर क्लिक किए। पर क्या आपने सोचा है कि यह जादुई जवाब आता कहाँ से है? कौन सी वेबसाइट्स इसकी स्रोत हैं? और क्या इन स्रोतों पर वास्तव में भरोसा किया जा सकता है? चौंकाने वाली स्टडीज़ सामने आ रही हैं जो बताती हैं कि Google का AI Overview AI द्वारा जनरेट किए गए कंटेंट को ही स्रोत के रूप में प्रस्तुत कर रहा है। यानी AI, AI से ही सीख रहा है और एक 'AI इको चेंबर' बनता जा रहा है।
Google का AI Overview आखिर है क्या?
Google के अनुसार, AI Overviews का मकसद यूजर्स के सर्च अनुभव को बेहतर बनाना है। उन्हें लंबे-चौड़े आर्टिकल्स पढ़ने की बजाय सीधे जवाब मिल जाना चाहिए। यह सुविधा Google की सर्च जनरेशन एक्सपीरियंस (SGE) का हिस्सा है, जो एडवांस्ड AI मॉडल्स पर काम करती है।
पर समस्या तब शुरू होती है जब यह AI Overview:
- गलत जानकारी परोसने लगे।
- AI द्वारा बनाए गए कंटेंट को ही भरोसेमंद स्रोत के तौर पर पेश करे।
- इंसानी पब्लिशर्स की मेहनत और ट्रैफिक छीन ले।
सच्चाई का पता चला: AI, AI को ही कर रहा है Cite!
Originality.ai की एक ताज़ा स्टडी में सामने आया है कि Google के AI Overviews जिन स्रोतों (sources) को cite करते हैं, उनमें से 10.4% स्रोत AI द्वारा जनरेट किए गए हैं! और हैरानी की बात यह है कि 15.2% स्रोत ऐसे हैं जिन्हें AI जनरेटेड है या नहीं, इसका पता लगाना मुश्किल है। सिर्फ 74.4% स्रोत ही इंसानों द्वारा लिखे गए हैं।
AI Overviews में cited सोर्सेज का वर्गीकरण
स्रोत का प्रकार |
प्रतिशत |
विवरण |
ह्यूमन-रिटन |
74.4% |
मनुष्यों द्वारा मूल रूप से लिखा गया कंटेंट |
AI-जनरेटेड |
10.4% |
AI टूल्स द्वारा उत्पन्न कंटेंट |
Unclassifiable |
15.2% |
AI या मानव-रचित होना निर्धारित नहीं किया जा सका |
इसका मतलब साफ है: Google का AI अपने ही जैसे AI द्वारा लिखे गए कंटेंट से सीख रहा है और उसे ही यूजर्स के सामने 'भरोसेमंद स्रोत' के तौर पर पेश कर रहा है। The Register के मुताबिक, यह 'साँप की अपनी पूँछ निगलने' (Snake Eating its Own Tail) जैसा है।
Model Collapse: AI की खुद की बनाई हुई दुनिया
जब AI मॉडल, AI द्वारा जनरेट किए गए डेटा पर ही ट्रेनिंग लेने लगते हैं, तो एक 'मॉडल कोलैप्स' (Model Collapse) या 'मॉडल का पतन' की स्थिति पैदा हो जाती है। यह एक अवनतिशील प्रक्रिया (degenerative process) है जहाँ हर नई जनरेशन का आउटपुट पिछली से खराब होता चला जाता है। AI वास्तविकता को गलत तरीके से समझने लगता है।
"मॉडल कोलैप्स जनरेटिव AI मॉडल्स की पीढ़ियों को प्रभावित करने वाली एक अवनतिशील प्रक्रिया है, जिसमें वे जो डेटा जनरेट करते हैं, वह अगली पीढ़ी के ट्रेनिंग सेट को प्रदूषित कर देता है।"
इससे सर्च की क्वालिटी पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। क्या Google Search की क्वालिटी घट रही है? जवाब है - हाँ!
पब्लिशर्स पर पड़ रहा है बम्पर असर! ट्रैफिक और कमाई में जबरदस्त गिरावट
Google के AI Overviews का सबसे डरावना और विनाशकारी असर ऑनलाइन पब्लिशर्स, खासकर छोटे पब्लिशर्स पर पड़ रहा है।
The Guardian में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, AI Summaries (AI Overviews) की वजह से ऑनलाइन न्यूज़ मीडिया के ऑडियंस में 'विनाशकारी गिरावट' (Devastating Drop) आई है। जो वेबसाइट्स किसी कीवर्ड पर पहले नंबर पर रैंक करती थीं, अगर अब उनके ऊपर AI Overview आ जाए, तो उन्हें 79% तक ट्रैफिक गिरने का सामना करना पड़ता है।
Pew Research Centre के जुलाई के एक अध्ययन में पाया गया कि जिन यूजर्स को AI Overview दिखाई दिया, उनके वेबसाइट्स पर क्लिक करने की संभावना उन यूजर्स के मुकाबले लगभग आधी थी, जिन्हें AI Overview नहीं दिखाई दिया।
AI Overviews का पब्लिशर्स पर प्रभाव
मापदंड |
AI Overviews के बिना |
AI Overviews के साथ |
प्रभाव |
क्लिक-थ्रू दर |
सामान्य |
लगभग 50% कम |
पब्लिशर्स को ट्रैफिक नहीं मिल पा रहा |
शीर्ष-रैंकिंग वाली साइट का ट्रैफिक |
100% (आधार) |
21% तक गिरावट |
79% की भारी गिरावट |
छोटे पब्लिशर्स की कमाई |
Adsense पर निर्भर |
भारी गिरावट |
जीविका पर संकट |
इसका मतलब साफ है: जिन छोटे पब्लिशर्स की पूरी जीविका Google के Adsense पर निर्भर करती थी, वे अब मोटिवेशन खोते जा रहे हैं। उनके पास अच्छा और ओरिजिनल कंटेंट लिखने का कोई कारण नहीं बचा, क्योंकि ट्रैफिक आना बंद हो गया है। ऐसे में वे दूसरे प्लेटफॉर्म्स की तरफ शिफ्ट होने पर मजबूर हैं।
E-E-A-T का दावा और हकीकत: कहाँ है Google का अनुभव और विश्वसनीयता?
Google अपने सर्च रिजल्ट्स के लिए E-E-A-T के सिद्धांत पर जोर देता रहा है:
- Experience (अनुभव)
- Expertise (विशेषज्ञता)
- Authoritativeness (प्रामाणिकता)
- Trustworthiness (विश्वसनीयता)
पर क्या AI Overviews इन सिद्धांतों पर खरा उतर रहा है?
- अनुभव: AI के पास खुद का कोई अनुभव नहीं होता, वह तो बस दूसरों के कंटेंट को मिलाकर एक सारांश पेश करता है।
- विशेषज्ञता: जब AI, AI द्वारा लिखे गए कंटेंट से सीखेगा, तो विशेषज्ञता कहाँ से आएगी?
- प्रामाणिकता और विश्वसनीयता: अगर स्रोत ही AI जनरेटेड हैं, तो भरोसा कैसे किया जा सकता है?
हालांकि Google ने कभी यह वादा नहीं किया कि वह AI जनरेटेड कंटेंट को अपनी लिस्टिंग्स में शामिल नहीं करेगा। उसका कहना है कि वह कंटेंट की क्वालिटी को देखेगा, न कि उसे किसने लिखा है। पर सवाल यह है कि क्या क्वालिटी का पैमाना सही है?
क्या दबाव में लॉन्च किया Google ने AI Overview?
ऐसा लगता है कि Google पर प्रतिस्पर्धा का भारी दबाव था। OpenAI के SearchGPT और Perplexity.ai जैसी AI-पावर्ड सर्च सर्विसेज ने Google की एकछत्रता को चुनौती देनी शुरू कर दी थी। शायद इसी दबाव में Google ने AI Overviews को जल्दबाजी में लॉन्च कर दिया, बिना यह सोचे कि इसके दूरगामी नतीजे क्या होंगे।
पर अब Google को अपने इस डिसीजन पर rethink और re-engineer करना ही पड़ेगा। क्योंकि लंबे समय में, अगर क्वालिटी कंटेंट बनाने वाले पब्लिशर्स ही खत्म हो गए, तो Google किसके कंटेंट को सर्च में दिखाएगा? सिर्फ AI के बनाए खोखले और दोहराव वाले कंटेंट को?
आप क्या कर सकते हैं? एक जागरूक इंटरनेट यूजर के तौर पर
- आँख मूंदकर भरोसा न करें: AI Overviews पर सवाल करें। उसमें दिए गए जवाब को अंतिम सत्य न मानें।
- स्रोतों को जाँचें: AI Overview में दिए गए स्रोतों (citations) पर क्लिक करें और खुद पढ़ें। देखें कि कहीं वह स्रोत भी तो AI द्वारा जनरेटेड नहीं है?
- पब्लिशर्स का सपोर्ट करें: अगर आपको कोई आर्टिकल पसंद आए, तो उस वेबसाइट को सीधे सपोर्ट करें। सब्सक्राइब करें, शेयर करें।
- फीडबैक दें: Google को फीडबैक देने का विकल्प use करें। गलत या खराब AI Overview की शिकायत करें।
निष्कर्ष: क्या यह इंटरनेट का अंत जैसा है?
जवाब है - नहीं, अभी नहीं। पर अगर यही सिलसिला चलता रहा, तो आने वाला वक्त इंटरनेट के लिए बहुत मुश्किल हो सकता है। हमें एक transparent और भरोसेमंद इंटरनेट की जरूरत है, न कि ऐसी जगह की जहाँ AI, AI से ही सीखे और एक कृत्रिम दुनिया बना ले।
Google को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि उसका AI Overview:
- सही और भरोसेमंद स्रोतों को ही cite करे।
- इंसानी पब्लिशर्स की मेहनत की कद्र करे।
- E-E-A-T के अपने ही सिद्धांतों पर खरा उतरे।
सवाल यह नहीं है कि AI का इस्तेमाल हो या नहीं। सवाल यह है कि इसे जिम्मेदारी से कैसे इस्तेमाल किया जाए। क्या आप AI Overviews पर भरोसा करते हैं? नीचे कमेंट में अपने अनुभव जरूर शेयर करें!
Disclaimer: यह ब्लॉग पोस्ट The Guardian, The Register, Originality.ai, और Pew Research Center जैसे संस्थानों की रिपोर्ट्स और स्टडीज़ पर आधारित है। यह शिक्षा और जागरूकता के उद्देश्य से लिखी गई है।
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